|| श्याम तेरा जब बंशी बोले, सब जग हुआ दीवाना ||
|| श्याम तेरा जब बंशी बोले, सब जग हुआ दीवाना ||
मेरा कौन ठिकाना मेरा कौन ठिकाना
जहाँ बिताए बचपन और जहाँ साथ साथ मे खेला,
उसको भी न समझ मे आये बनबारी तेरी लीला।
युग युग से जो प्रेम में डूबा उसका प्यास बुझे न।
धड़कता है आवाज़ तुझे अब भी यशोदा मैं।
लेती है छुप छुप के शिकिया तेरी आज बलैया।
राधा नहीं दीवानी सारे गोकुल में दीवाना
|| श्याम तेरा जब बंशी बोले, सब जग हुआ दीवाना ||
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