सांवरियां सु लग गई प्रीत भजन इन हिंदी

Deepak Kumar Bind

सांवरियां सु लग गई प्रीत


|| सांवरियां सु लग गई प्रीत ||
मैं तो हार के दिल गई उस को जीत
|| सांवरियां सु लग गई प्रीत ||

बांके की बांकी छवि मन रिजावे जादू है एसो सुध विसरावे,
और न कोई भावे मोहे वो ही है मन मीत,
|| सांवरियां सु लग गई प्रीत ||

लगन जब से उनसे लागी नीदो में भी रहू मैं जागी जागी,
पता नही कब दिवस बीते त्रिना ये जाए बीत,
|| सांवरियां सु लग गई प्रीत ||

घर अधर बंसी भजावे श्याम सलोनो चित चुरावे
प्रीत की बाँधी डोरी उन से हो गी निभावे री,
|| सांवरियां सु लग गई प्रीत ||

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