मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री रामचंद्र [ भक्तिलोक ] Bhagawan Shri Ram about

Deepak Kumar Bind

 मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री रामचंद्र

 

सृष्टि के सर्वश्रेष्ठ जीवनों में उत्पन्न एक जीवन  मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री रामचंद्र का जीवन-परिचय:-


Bhagawan Shri Ram about
Bhagawan Shri Ram about

चैत्रशुक्ल  नवमी आर्यो व हिन्दुओ का ही नही बल्कि पूरे संसार के   सभी विवेकशील लोगों के लिए भी  आदर्श मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री रामचन्द्र जी का जन्म दिवस पर्व है। इस पर्व को भगवान श्री रामचन्द्र जी के भक्त अपनी-अपनी तरफ से सर्वत्र मनाते हैं। हम वैदिक धर्म को मानने वेल  आर्य हैं और मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री रामचन्द्र जी भी वैदिक धर्म के साक्षात क्रियात्मक सत्य है जो  इतिहास रूप हैं।

 मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम ने वेदों द्वारा निर्मित सभी मर्यादाओं का पालन किया

उन्होंने ईश्वरीय ज्ञान वेदों द्वारा निर्मित सभी मर्यादाओं का पालन किया और यह सिद्ध यह सिद्ध करके बताया कि वैदिक शिक्षायें पुस्तकीय ज्ञान न होकर वरण वह पूरा का पूरा संपूर्ण जीवन में धारण व पालन करने योग्य है। आज भगवान  श्री रामचंद्र  का जन्म दिवस पर्व है, जो हमें यह अवसर प्रदान करता  है कि हम उनके जीवन के गुणों वा चरित्रो का चिन्तन व मनन करें और उनसे कुछ शिखे यह मानव  जीवन सर्वव्यापक व सर्वज्ञ ईश्वर, जो भगवान श्री रामचंद्र  जी के भी उपास्य थे,

भगवान श्री राम ने हमे न्याय ,धर्म,सत्य,पुन्य,और कर्तव्य की ओर जाने की प्रेरणा देते है ।


वो हमे न्याय ,धर्म,सत्य,पुन्य,और कर्तव्य की ओर जाने की प्रेरणा देते है । जो मानव उनके चरित्र का पालन तोड़ा सा भी करता है  वह भगवान का सबसे अच्च्छा और प्रिय बन जाता  हैं । और धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष के मार्ग पर अग्रसर होकर जीवन के ध्येय व लक्ष्य को प्राप्त  करते हैं। आज की आधुनिक संस्कृति खाओं, पीयों और जीओं,मज़े करो  में विश्वास रखती है।

भगवान श्री रामचंद्र  वह आदर्श मनुष्य वा महापुरुष थे जिन्होंने

 मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री रामचंद्र  वह आदर्श मनुष्य वा महापुरुष थे जिन्होंने अपने जीवन को वेदमय बनाकर वेद की हर शिक्षा का यथावत् पालन किया था। इसको मानने वाले लोग पिछले जन्म मे  घोर अन्धकार को प्राप्त करते है और जन्म व मृत्यु के बन्धन में पड़कर दुःखसागर में जन्म-जन्मान्तर तक अपने कर्मों का भुक्तांन भोगते  हैं। वेद सृष्टि के आरम्भ में ईश्वर प्रदत्त वह ज्ञान है जिससे मनुष्य की सर्वांगीण उन्नति होती है।
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