महाकुंभ में हर पाप का प्रक्षालन हो (mahaakumbh mein har paap
ka prakshaalan ho lyrics in hindi) -
महाकुंभ में हर पाप का प्रक्षालन हो
गंगा जल से तन-मन का शोधन हो।
हर हर गंगे, जय जय गंगे,
पापों को हरने वाली गंगे।
सूरज की पहली किरणों से,
जीवन में नया आलोक जगे।
महाकुंभ में हर पाप का प्रक्षालन हो,
गंगा जल से तन-मन का शोधन हो।
संतों की वाणी अमृत जैसी,
ज्ञान का सागर गहरा हो।
भक्ति का दीप जलाएं हम,
हर कोना उजियारा हो।
महाकुंभ में हर पाप का प्रक्षालन हो,
गंगा जल से तन-मन का शोधन हो।
गंगा मैया का आशीर्वाद मिले,
हर जीवन पावन हो।
कुंभ की महिमा अपरंपार,
सबके जीवन का उद्धार हो।
हर हर गंगे, जय जय गंगे,
पापों को हरने वाली गंगे।
महाकुंभ में हर पाप का प्रक्षालन हो,
गंगा जल से तन-मन का शोधन हो।
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