महाकुंभ में भक्ति का दीप जलाएं (mahaakumbh mein bhakti ke deep jalaen Lyrics in Hindi) - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

 

महाकुंभ में भक्ति का दीप जलाएं (mahaakumbh mein bhakti ke deep jalaen Lyrics in Hindi) - 


महाकुंभ में भक्ति का दीप जलाएं,

हर हर गंगे का जयकार लगाएं।


पावन धरा पर अमृत बहाएं,

संगम की रेती पर शीश नवाएं।

आस्था की गंगा में डुबकी लगाएं,

महाकुंभ में भक्ति का दीप जलाएं।


ऋषियों की वाणी, संतों की गाथा,

पुण्य सलिला में बसी हर कथा।

संस्कारों का अमृतमय प्रवाह,

सदियों से गूंजे हरि का प्रभात।

जीवन के हर पथ पर प्रकाश फैलाएं,

महाकुंभ में भक्ति का दीप जलाएं।


मंदिरों के घंटे, आरती की धुन,

हरि नाम का जप हो हर क्षण।

शिव के चरणों में अर्पण करें,

पापों से मुक्ति का संगम करें।

भक्ति की गंगा में सबको मिलाएं,

महाकुंभ में भक्ति का दीप जलाएं।


हर जन में हो आस्था का संचार,

सद्भावना का हो हर ओर प्रचार।

विश्व में गूंजे भारत का नाम,

संस्कृति का हो उन्नत आयाम।

सत्य और धर्म का संदेश पहुंचाएं,

महाकुंभ में भक्ति का दीप जलाएं।


हर हर गंगे का जयकार लगाएं,

महाकुंभ में भक्ति का दीप जलाएं।


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