तेरी सेवा की बस ऐ कन्हैया तुमसे इतनी सी कीमत मैं चाहूँ लिरिक्स
तेरी सेवा की बस ऐ कन्हैया
तुमसे इतनी सी कीमत मैं चाहूँ
जब भी लूँ मैं जनम इस जहाँ में
दास बनकर तुम्हारा ही आऊँ
तेरी सेवा की बस ऐ कन्हैंया
तुमसे इतनी सी कीमत मैं चाहूँ।।
ना ही चाहत सितारों की मुझको
ना ही मांगू चमक चांदनी की
मैं अंधेरों में रह लूंगा मोहन
मुझको दरकार ना रौशनी की
शर्त इतनी सी है बस कन्हैया
मेरी नजरो में तुमको बसाऊँ
जब भी लूँ मैं जनम इस जहाँ में
दास बनकर तुम्हारा ही आऊँ
तेरी सेवा की बस ऐ कन्हैंया
तुमसे इतनी सी कीमत मैं चाहूँ।।
मुझको रुतबे का लालच नहीं है
ना किसी पद की मुझकों तमन्ना
क्या करूँगा नगर सेठ बनकर
मुझकों सेवक तुम्हारा हैं बनना
तेरे दर के सिवा सर झुकें ना
सिर्फ़ इतनी सी इज्ज़त मैं चाहूँ
जब भी लूँ मैं जनम इस जहाँ में
दास बनकर तुम्हारा ही आऊँ
तेरी सेवा की बस ऐ कन्हैंया
तुमसे इतनी सी कीमत मैं चाहूँ।।
मेरे नैनों में जब तक है ज्योति
मुझको मिलता रहें तेरा दर्शन
आना जाना रहें तेरे दर पे
मैं तो करता रहूँ तेरा कीर्तन
मेरी साँसों की धारा हैं जब तक
गीत तेरे ही मैं गुन गुनाऊँ
जब भी लूँ मैं जनम इस जहाँ में
दास बनकर तुम्हारा ही आऊँ
तेरी सेवा की बस ऐ कन्हैंया
तुमसे इतनी सी कीमत मैं चाहूँ।।
‘सोनू’ का मन भी चंचल हैं प्यारें
देखना ये कहीं खो ना जाए
मुद्दतों से रंग तेरा चढ़ा हैं
देख बदरंग कहीं हो ना जाए
तेरा होकर अब तक जिया हूँ
तेरा होकर ही दुनियाँ से जाऊँ
जब भी लूँ मैं जनम इस जहाँ में
दास बनकर तुम्हारा ही आऊँ
तेरी सेवा की बस ऐ कन्हैंया
तुमसे इतनी सी कीमत मैं चाहूँ।।
तेरी सेवा की बस ऐ कन्हैया
तुमसे इतनी सी कीमत मैं चाहूँ
जब भी लूँ मैं जनम इस जहाँ में
दास बनकर तुम्हारा ही आऊँ
तेरी सेवा की बस ऐ कन्हैंया
तुमसे इतनी सी कीमत मैं चाहूँ।।
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