श्री राम धुन में जब तक तू मगन ना होगा लिरिक्स
श्रीराम धुन में जब तक मन तू मगन न होगा।
जग जाल छूटने का तब तक जतन न होगा।
व्यापार श्रम कमाकर तू लाख साज सजले।
होता सुखी न जबतक संतोष धन न होगा।
तप यज्ञ होम पूजा व्रत और नेम करले।
सब व्यर्थ है जो मुझसे हरि का भजन न होगा।
संसार की घटा से क्या प्यास बुझ सकेगी?
चातक दृगों का जबतक घनश्याम घन न होगा।
तू तोल कर जो देखे आँखों का प्रेम मोती।
एक ‘बिदु’ पर त्रिलोकी भर का वजन न होगा।
श्री राम धुन में जब तक तू मगन ना होगा लिरिक्स (Shri Ram Dhun Me Jab Tak Tu Magan Na Hoga Lyrics in English) -
shreeraam kee dhunon mein jab tak man too magan na hoga.
jag jal chhootane ka tab tak jatan na hoga.
vyaapaar shram kaamaakar tu laakh saaj sajale.
sukhee na jabatak santosh dhan na hoga.
tap yagy hom pooja vrat aur nem kaarle.
sab kuchh hai jo mere hari ka bhajan nahin hoga.
duniya kee hakeekat kya hai?
chaatak dragon ka jabatak raakshas ghan na hoga.
too to tol kar jo dekh aankhon ka prem motee.
ek bidu par trilokee bhar ka vajan nahin hoga.
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