जेकर नाथ रघुनाथ लिरिक्स
आ आ आ आ आ आ
हम्म हम्म हम्म हम्म
जेकर नाथ रघुनाथ ऊ सनाथ जग में
जेकर नाथ रघुनाथ ऊ सनाथ जग में
ऊ सनाथ जग में ऊ सनाथ जग में
ऊ सनाथ जग में ऊ सनाथ जग में
जेकर नाथ रघुनाथ ऊ सनाथ जग में
जेकर नाथ रघुनाथ ऊ सनाथ जग में
शबरी निषाद कोल भील कति भाल
शबरी निषाद कोल भील कति भाल
सबके अपनावेले प्रभु अईसन कृपालु
इनका रहती ना कोई अनाथ जग में
इनका रहती ना कोई अनाथ जग में
ओ जेकर नाथ रघुनाथ ऊ सनाथ जग में
जेकर नाथ रघुनाथ ऊ सनाथ जग में
आ आ आ आ आ आ आ
हम्म हम्म हम्म
जन अवगुण कबहुँ ध्यान ना आने
जन अवगुण कबहुँ ध्यान ना आने
राई भर गुड़ के पहाड़ कर जाने
कहवा दूसर अइसन कवनो नाथ जग में
कहवा दूसर अइसन कवनो नाथ जग में
ओ जेकर नाथ रघुनाथ ऊ सनाथ जग में
जेकर नाथ रघुनाथ ऊ सनाथ जग में
खीझे तो धाम देते रीझे राजधानी
खीझे तो धाम देते रीझे राजधानी
कहवा उदार अइसन कहवा के दानी
कह भक्तो के लड्डू दुनू हाथ जग में
कह भक्तो के लड्डू दुनू हाथ जग में
ओ जेकर नाथ रघुनाथ ऊ सनाथ जग में
जेकर नाथ रघुनाथ ऊ सनाथ जग में
आ आ आ आ आ आ आ
हम्म हम्म हम्म हम्म
अइसन स्वभाव कही देखनी ना सुननी
अइसन स्वभाव कही देखनी ना सुननी
सोचके समझ के तब इन्ही के चुननी
अब झुकावे देवेंद्र कह माथ जग में
अब झुकावे देवेंद्र कह माथ जग में
जेकर नाथ रघुनाथ ऊ सनाथ जग में
जेकर नाथ रघुनाथ ऊ सनाथ जग में
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