जब भक्त बुलाते हैँ हरि दौड़ के आते हैँ (jab bhak bulate hain hari daud ke aate hain in Hindi)

Deepak Kumar Bind

 जब भक्त बुलाते हैँ हरि दौड़ के आते हैँ (jab bhak bulate hain hari daud ke aate hain in Hindi)


जब भक्त बुलाते हैँ


जब भक्त बुलाते हैँ, हरि दौड़ के आते हैँ ॥

वो तो दीन और दुःखीओं को ॥

आ के गले लगाते हैँ, हरि दौड़ के आते हैँ,

जब भक्त बुलाते हैँ...


द्रोपदी ने जब, उन्हें पुकारा, दौड़े दौड़े आ गए  ।

भरी सभा में, चीर बढ़ा के, उसकी लाज बचा गए ॥

वो बहुत दयालु हैँ, वो दया के सागर हैँ,

वो चीर बढ़ाते हैँ, हरि दौड़ के आते हैँ,

जब भक्त बुलाते हैँ...


अर्जुन ने जब, उन्हें पुकारा, सार्थी बनके आ गए  ।

गीता का, उपदेश सुना के, उसका भरम मिटा गए ॥

वो ज्ञान सिखाते हैँ, वो भरम मिटाते हैँ,

वो गले लगाते हैँ, हरि दौड़ के आते हैँ,

जब भक्त बुलाते हैँ...


धन्ने ने जब, उन्हें पुकारा, ठाकुर बनके आ गए  ।

पत्थरों में, दर्श दिखा के, प्रेम का भोग लगा गए ॥

वो दर्श दिखाते हैँ, वो हल चलाते हैँ,

वो मान बढ़ाते हैँ, हरि दौड़ के आते हैँ,

जब भक्त बुलाते हैँ...


मित्र सुद्दामा, द्वारे आए, दौड़े दौड़े आ गए  ।

दो मुठी, सत्तू के बदले, उसका महल बना गए ॥

वो फ़र्ज़ निभाते हैँ, वो गले लगाते हैँ,

वो महल बनाते हैँ, हरि दौड़ के आते हैँ,

जब भक्त बुलाते हैँ...


Tags

Post a Comment

0Comments

If you liked this post please do not forget to leave a comment. Thanks

Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !