चौमासे की रात बर्सात मध भाई है (chaumase ki raat in Hindi)

Deepak Kumar Bind

चौमासे की रात बर्सात मध भाई है (chaumase ki raat in Hindi)


चौमासे की रात बर्सात मध भाई है

तेरी यादं फेरु आई है


बरखा की झड़ी से आँसु की लडी भी दया सू मिल गई

मुरझाए चमन की कलियाँ कन्हैया की दया सू खिल गई

थाम ले वो हाथ रखी कितनी समाई है


दीनबंधु से फरियाद है मेरी संभालो साँवरा

बैंक खिवैया बस संसार सिंधु से बचालो साँवरा

कल्जे कि बात छानी तेरेसे टिकैयी है


श्याम बहादुर किशान शिव तू ही तेरे से प्यार है

बांसुरीवाला मस्तान निराला मेरा दिलदार है

खाई मैंने माद यही दिल की दवाई है


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