श्रीमद्भगवद्गीता गीता ज्ञान (Bhagavad Gita Quotes In Hindi) - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind
श्रीमद्भगवद्गीता गीता ज्ञान (Bhagavad Gita Quotes In Hindi) - Bhaktilok

श्रीमद्भगवद्गीता गीता ज्ञान (Bhagavad Gita Quotes In Hindi) - 


हे अर्जुन 

क्रोध को जीतने में मौन ही 

सबसे अधिक सहायक होता है !

 

|| गीता सार | |


जो मेरी शरण में आता है उसका कभी विनाश नहीं होता |

हे अर्जुन | तुम निडर होकर यह घोषणा कर दो  ||  

 

 || Bhagavad gita quotes in hindi || 


ज़िंदगी में कभी उदास मत होना , 

कभी नाराज़ नहीं होना |

यह ज़िंदगी एक संघर्ष सी चलती रहेगी , 

बस तुम अपना जीने का अंदाज़ ना खोना  || 

 

 || Bhagavad gita quotes in hindi || 

 

जो इंसान आपके बुरे समय में आपका भागीदार है |

अपने अच्छे समय का सच्चा भागीदार वही है | 


 || Krishna Quote in Hindi || 


हम अपने आप को भगवान् के समक्ष अर्पित कर दें.

यही सबसे उत्तम सहारा है और भय ,

चिंता और शोक से मुक्ति पाने का एक सर्वश्रेष्ठ मार्ग भी है .

 

 || Bhagavad gita quotes in hindi || 


यदि आप चाहते है सभी आपसे प्रेम करे तो 

प्रेम की शुरुआत पहले आपको करनी होगी

क्योंकि प्रकृति का नियम है जो बोया है वो ही निकलेगा


 

सदैव संदेह करने वाले व्यक्ति के लिए 

प्रसन्नता ना इस लोक में  है ना ही कहीं और.


 ||  Geeta Gyan in Hindi || 

 

मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है.

जैसा वो विश्वास करता है वैसा वो बन जाता है.


 || Krishan Geeta Gyan || 


मन की गतिविधियों, होश, श्वास, 

और भावनाओं के माध्यम से भगवान की 

शक्ति सदा तुम्हारे साथ है; और लगातार 

तुम्हे बस एक साधन की तरह 

प्रयोग कर के सभी कार्य कर रही है.



 ||  Krishan Geeta Updesh in Hindi || 


उससे मत डरो जो वास्तविक नहीं है, 

ना कभी था ना कभी होगा.जो वास्तविक है, 

वो हमेशा था और उसे कभी नष्ट नहीं किया जा सकता.


 ||  Karma Bhagavad gita quotes  || 


व्यक्ति जो चाहे बन सकता है 

यदी वह विश्वास के साथ इच्छित 

वस्तु  पर लगातार चिंतन करे.


 || Geeta Gyan in Hindi || 

 

हर व्यक्ति का विश्वास उसकी 

प्रकृति के अनुसार होता है.


 || Geeta Gyan || 


मैं उन्हें ज्ञान देता हूँ जो सदा 

मुझसे जुड़े रहते हैं 

और जो मुझसे प्रेम करते हैं.


 || gita updesh || 


प्रबुद्ध व्यक्ति सिवाय ईश्वर के 

किसी और पर निर्भर नहीं करता.|


 || Geeta gyan || 

 

मैं धरती की मधुर सुगंध हूँ. 

मैं अग्नि की ऊष्मा हूँ, 

सभी जीवित प्राणियों का जीवन और 

सन्यासियों का आत्मसंयम हूँ.

 

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