श्री लक्ष्मी नरसिम्हा करावलम्बा स्तोत्रम (Sri Lakshmi Narasimha Karavalamba Stotram Lyrics in Hindi) - Laxmi Stotra - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

 

श्री लक्ष्मी नरसिम्हा करावलम्बा स्तोत्रम (Sri Lakshmi Narasimha Karavalamba Stotram Lyrics in Hindi) - Laxmi Stotra - Bhaktilok


श्री लक्ष्मी नरसिम्हा करावलम्बा स्तोत्रम (Sri Lakshmi Narasimha Karavalamba Stotram Lyrics in Hindi) - 


श्रीमत पयोनिधि निकेतन चक्र फलक

भोगेन्द्र भोग मणि राजिथा पुण्य मूरते

योगीसा शाश्वत सरण्यं भाब्धि पोथा

लक्ष्मी नृसिंह मम देहि करावलम्बम् || 1 ||


ब्रह्मेन्द्र रुद्रार्क किरीता कोटि

संगतिथंगरी कमला माला कंथि कंथा

लक्ष्मी लसथ कुचा सरोरुहा राजा हम्सा

लक्ष्मी नृसिंह मम देहि करावलम्बम् || 2 ||


संसार दावा दहनाथुरा भिकारोरु

ज्वाला वले बिरथी धिग्धा नूरुहास्य

थ्वत् पाद पद्म सरसि सरनागथस्य

लक्ष्मी नृसिंह मम देहि करावलम्बम् || 3 ||


संसार जल पथिथस्य जगं निवासा

सर्वेन्द्रीयार्थ बदीसार्थ जशोपमस्य

प्रोथ गंदिथा प्रचूरा तालुका मस्तकस्य

लक्ष्मी नृसिंह मम देहि करावलम्बम् || 4 ||


संसार कूपं अधि घोरा मागध मूलम्

सम्प्रप्य दुःख शत सर्प समकुलस्य

धीनस्य देवा कृपाण पदमगदस्य

लक्ष्मी नृसिंह मम देहि करावलम्बम् || 5 ||


संसार भिखारा करीन्द्र करभिगाथा

निश्पिष्ट मर्ममा वपुषा सकलार्थी नासा

प्राण प्रयाण भव भेति समाकुलस्य

लक्ष्मी नृसिंह मम देहि करावलम्बम् || 6 ||


संसार सर्प घाना वक्त्रा भयोगरा थेव्रा

दम्ष्ट्र कराला विषा दग्धा विनष्ट मूरते

नागरी वाहन सुधाब्धि निवास सौरे

लक्ष्मी नृसिंह मम देहि करावलम्बम् || 7 ||


समस्र वृक्षमघ भीज मनन्था कर्म

सखा शतं कारणं पत्थरमणंगा पुष्पम

अरोहस्य दुःख फलितं पथथो दयालो

लक्ष्मी नृसिंह मम देहि करावलम्बम् || 8 ||


संसार सागर विशाला कराला कला

नक्र ग्रहं ग्रासना निग्रह विग्रहस्य

व्याघ्रस्य राग रसनोर्मिणि पीडिथस्य

लक्ष्मी नृसिंह मम देहि करावलम्बम् || 9 ||


संसार सागर निमज्जन मुह्यमानम्

दिनं विलोकाय विभो करुणानिधे माम्

प्रह्लाद खेडा परिहार परावतारा

लक्ष्मी नृसिंह मम देहि करावलम्बम् || 10 ||


संसार गोरा गहने चराथे मुरारे

मारोगरा भीखारा मृगा प्रवर्धितस्य

अर्थस्य मठ्सर निधा चैन पीडिथस्य

लक्ष्मी नृसिंह मम देहि करावलम्बम् || 11 ||


बधवा गले यमभता बहुतार्जयन्तः

कर्शान्ति यत्र भवपाषाशतैर्युतं माम्।

एकाकिणं परवशं चकितं दयालो

लक्ष्मी नृसिंह मम देहि करावलम्बम् || 12 ||


लक्ष्मी पथे कमला नाभ सुरेसा विष्णो

वैकुंठ कृष्ण मधु सूदन विश्वरूपा

ब्रह्मण्य केशव जनार्दन चक्रपाणे

देवेसा देहि कृपांस्य करावलम्बम् || 13 ||


एकेना चक्रमापरेना करीना शाम्खा-

मन्येन सिन्धुतनयामावलम्ब्य तिष्ठन्

वामे करेण वरदाभ्यपद्माचिह्नम्

लक्ष्मी नृसिंह मम देहि करावलम्बम् || 14 ||



अंधास्य मे विवेका महा दानस्य

चोरै प्रभो भालिभी रिन्द्रिया नाम देयै

मोहंदा कूप कुहारे विनिपथथस्य

लक्ष्मी नृसिंह मम देहि करावलम्बम् || 15 ||


प्रह्लाद नारद पराशर पुण्डरीका-

व्यासादि भगवत पुंगवः ऋणिवासः

भक्तानुरक्त परिपालन पारिजाता

लक्ष्मी नृसिंह मम देहि करावलम्बम् || 16 ||


लक्ष्मीनृसिंह चरण अबजा मधुव्रतेन

स्तोत्रं कृतं शुभकारं भुवि शंकरेण

ये तत्पथन्ति मनुजा हरिभक्ति युक्ता

स्ते यान्ति तत्पाद सरोजा माखण्डरूपम् || 17 ||


इति श्री लक्ष्मी नरसिम्हा करावलम्बा स्तोत्रम् ||


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