साईं कष्ट निवारण मंत्र (Sai Kasht Nivaran Mantra Lyrics in Hindi) -
कष्टो की काली छाया दुःख दैयी है |
जीवन में घोर उदासी लायी है |
संकट को तालो सै दुहाई है |
तेरे सिवा ना कोई मददगार है |
मेरे मन तेरी मूरत समायी है |
हर पल हर स्कन महिमा गाई है |
घर मेरे कष्टों की आँधी आई है |
आपने क्यू मेरी सुध भुलायी है |
तुम भोले नाथ हो दया निधान हो |
तुम हनुमान हो महा बलवान हो |
तुम्हीं हो राम और तुम्हीं श्याम हो |
सारे जगत में तुम सबसे महान हो |
तुम्हीं महाकाली तुम्हीं माँ शारदे |
कर्ता हु प्रार्थना भावे से तार दे |
तुम्ही मोहम्मद हो गरीब नवाज हो |
नानक की वाणी में ईसा के साथ हो |
तुम्ही दिगम्बर तुम्हीं कबीर हो |
हो बूढ़ा तुम्हीं हो और महावीर हो |
सारे जगत का तुम्हीं आधार हो |
निराकार भी और साकार हो |
करता हूँ वन्दना प्रेम विश्वास से |
सुनो साईं अल्लाह के वास्ते |
अधरो में मेरी नहीं मुस्कान है |
घर मेरा बनाने लगा स्मशान है |
राहेम नज़र करो उझादे विरान पे |
जिंदगी सवरेगी एक वरदान से |
पापा की धोप से तन लगा हारें |
आपका ये दस लगा पुकारने |
आपने सदा ही लाज बचायी है |
देर ना हो जाए मन शंकाए है |
धीरे धीरे धीरज ही खोता है |
मन में बस विश्वास ही रोता है |
मेरी कल्पना साकार कर दो |
सुनी जिंदगी में रंग भर दो |
धोते-धोते पापो का भार जिंदगी से |
मैं हार गया जिंदगी से |
नाथ अवगुण अब तो बिसारो |
कश्तो की लहर से आके उबरो |
करता हूं पाप मैं पापो की खान हूं |
ज्ञानी तुम ज्ञानेश्वर मैं अज्ञान हूं |
पापो की भूल में करता हूं पग-पग पर |
तार दो जीवन ये चरणों के धूल से |
तुमने उजाड़ा हुआ घर बसाया |
पानी से दीपक भी तुमने जलाया |
तुमने ही शिरडी को धाम बनाया |
छोटे गाँव में स्वर्ग सजाया |
कष्ट पाप श्राप उतारो |
प्रेण दया दृष्टि से निहारो |
आप का दस हू ऐसे ना तालिये |
गिरने लगा हू सै संभालिये |
सैजी बालक मैं अनाथ हु |
तेरे भरोसे रहता दिन रात हूँ |
जैसा भी हु | हू तो आपका |
कीजे निवारण मेरे संताप का |
तू है सवेरा और मैं रात हूँ |
मेल नहीं कोई फिर भी साथ हूँ |
साईं मुझसे मुख ना मोड़ो |
बीच मझदार अकेला ना छोड़ो |
आपके चरणों में आधार प्राण जय |
तेरे वचन मेरे गुरुसमान है |
आपकी राहो पे चलता दस है |
ख़ुशी नहीं कोई जीवन उदास है |
आंसू की धारा है डूबता किनारा |
जिंदगी में दर्द | नहीं गुजारा |
लगाया चमन तो फूल खिलाओ |
फूल खिले हैं तो खुशबू भी लाओ |
कर दो इशारा तो बात बन जाये |
जो किस्मत में नहीं वो मिल जाए |
बीता जमाना ये गाके फसाना |
सरहदे जिंदगी मौत का तराना |
देर हो गई है अँधेरे ना हो |
फ़िक्र मिले लेकिन फ़रेब ना हो |
देके तलो या दामन बचा लो |
हिलने लगी रहुणयी संभालो |
तेरे दम पर अल्लाह की शान है |
सूफी संतो के ये बयान है |
ग़रीब की झोली में भर दो ख़ज़ाना |
ज़माने के वाली करो ना बहाना |
डर के भिखारी हैं मोहताज हैं हम |
शहंशाहे आलम करो कुछ करम |
तेरे खज़ाने में अल्लाह की रहमत |
तुम सद्गुरु हो समर्थ |
आये तो धरती पे देने सहारा |
करने लगे क्यों हम से किनारा |
जब तक ये ब्रह्माण्ड रहेगा |
साईं तेरा नाम रहेगा |
चांद तारे तुम्हें पुकारेंगे |
जन्मोजन्म हम रास्ता निहारेंगे |
आत्मा बदलेगी छोले हजार |
हम मिलते रहेंगे हर बार |
आपके कदमो में बैठे रहेंगे |
दुखड़े दिल के कहते रहेंगे |
आपको मर्ज़ी है दो या ना दो |
हम तो कहेंगे दामन भी भर दो |
तुम हो दाता हम हैं भिखारी |
सुनते नहीं क्यों अरग हमारी |
अच्छा चलो एक बात बता दो |
क्या नहीं तुम्हारे पास बता दो |
जो नहीं देना है इंकार कर दो |
ख़तम ये आपस की तकरार कर दो |
लौट के खाली चला जाऊंगा |
फिर भी गन तेरे गाऊंगा |
जबतक काया है तबतक माया है |
इसी में दुखों का मूल समाया है |
सब कुछ जान के अंजान हूँ मैं |
अल्लाह की तू शान तेरी हूं शान मैं |
तेरा करम सदा सबपे रहेगा |
ये चक्र युग-युग चलता रहेगा |
जो प्राण गाएगा साई तेरो नाम |
उसको मिले मुक्ति पूछे परम धाम |
ये मंत्र जो प्राणि नित गाएंगे |
राहु केतु शनि निकट ना आयेंगे |
टाल जायेंगे संकट सारे |
घर में दस वास करे सुख सारे |
जो श्रद्धा से करेगा पथन |
हम पर देव सभी हो प्रसन्न |
रोग समुह नष्ट हो जायेंगे |
कष्ट निवारण मंत्र जो गाएंगे |
चिंता हारेगा निवारण जाप |
पल में डर हो सब पाप |
जो ये पुस्तक नित दिन बाचे |
लक्ष्मीजी घर उसके सदा बिराजे |
ज्ञान बुद्धि प्राणि वो पायेगा |
कष्ट निवारण में जो ध्यान देगा |
ये मंत्र भक्तो कमाल करेगा |
आये जो अनहोनी तो ताल देगा |
भूत-प्रेत भी रहेंगे दूर |
इस मंत्र में साईं शक्ति भरपुर है |
जपते रहे जो मंत्र अगर |
जादू टोना भी हो ब्यासर |
क्या मंत्र में सब गुण समाये |
ना हो भरोसा तो आजमाये |
ये मंत्र साई बचन ही जाणो |
स्वयं अमल कर सत्य पहचानो |
संशय ना लाना विश्वास जगाना |
ये मंत्र सुख का है खजाना |
क्या पुस्तक में साई का वास है |
साईं दया से ही लिख पाया दास |
अनंत कोटि ब्रह्माण्ड नायक
राजा धी राज योगी राज परा ब्रह्म
श्री सच्चिदानंद सद्गुरु साईं नाथ महाराज की जय ||
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