साधू भूखा भाव का धन का भूखा नाहिं दोहे का अर्थ(Sadhu Bhukha Bhav Ka Dhan Ka bhukha Nahi Dohe Ka Arth Hindi Me):-
साधू भूखा भाव का, धन का भूखा नाहिंधन का भूखा जी फिरै, सो तो साधू नाहिं।
साधू भूखा भाव का धन का भूखा नाहिं दोहे का अर्थ(Sadhu Bhukha Bhav Ka Dhan Ka bhukha Nahi Dohe Ka Arth Hindi Me):-
कबीर दास जी कहते कि साधू हमेशा करुणा और प्रेम का भूखा होता और कभी भी धन का भूखा नहीं होता। और जो धन का भूखा होता है वह साधू नहीं हो सकता।
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