ऋणमोचन महागणपति स्तोत्र इन संस्कृत (Rin Mochan Maha Ganapati Stotram in Sanskrit) - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

ऋणमोचन महागणपति स्तोत्र इन संस्कृत (Rin Mochan Maha Ganapati Stotram in Sanskrit) :-

ऋणमोचन महागणपति स्तोत्र इन संस्कृत (Rin Mochan Maha Ganapati Stotram in Sanskrit) - Bhaktilok

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ऋणमोचन महागणपति स्तोत्र इन संस्कृत (Rin Mochan Maha Ganapati Stotram in Sanskrit) :- 


ऋणमोचन महागणपति विनियोग (Rin Mochan Maha Ganapati Viniyog in Sanskrit)– 


ॐ अस्य श्रीऋण-मोचन महा-गणपति-स्तोत्र-मन्त्रस्य भगवान् शुक्राचार्य ऋषिः, ऋण-मोचन-गणपतिः देवता, मम-ऋण-मोचनार्थं जपे विनियोगः।

 

ऋणमोचन महागणपति ऋष्यादि न्यास ((Rin Mochan Maha Ganapati Rishyadi Nyas in sanskrit) :– 

 

भगवान् शुक्राचार्य ऋषये नमः शिरसि, ऋण-मोचन-गणपति देवतायै नमः हृदि, मम-ऋण-मोचनार्थे जपे विनियोगाय नमः अञ्जलौ।

 

ऋणमोचन महागणपति स्तोत्र ((Rin Mochan Maha Ganapati in Sanskrit) :- 


ॐ स्मरामि देव-देवेश।वक्र-तुण्डं महा-बलम्।

षडक्षरं कृपा-सिन्धु, नमामि ऋण-मुक्तये।।1।।

 

महा-गणपतिं देवं, महा-सत्त्वं महा-बलम्।

महा-विघ्न-हरं सौम्यं, नमामि ऋण-मुक्तये।।2।।

 

एकाक्षरं एक-दन्तं, एक-ब्रह्म सनातनम्।

एकमेवाद्वितीयं च, नमामि ऋण-मुक्तये।।3।।

 

शुक्लाम्बरं शुक्ल-वर्णं, शुक्ल-गन्धानुलेपनम्।

सर्व-शुक्ल-मयं देवं, नमामि ऋण-मुक्तये।।4।।

 

रक्ताम्बरं रक्त-वर्णं, रक्त-गन्धानुलेपनम्।

रक्त-पुष्पै पूज्यमानं, नमामि ऋण-मुक्तये।।5।।

 

कृष्णाम्बरं कृष्ण-वर्णं, कृष्ण-गन्धानुलेपनम्।

कृष्ण-पुष्पै पूज्यमानं, नमामि ऋण-मुक्तये।।6।।

 

पीताम्बरं पीत-वर्णं, पीत-गन्धानुलेपनम्।

पीत-पुष्पै पूज्यमानं, नमामि ऋण-मुक्तये।।7।।

 

नीलाम्बरं नील-वर्णं, नील-गन्धानुलेपनम्।

नील-पुष्पै पूज्यमानं, नमामि ऋण-मुक्तये।।8।।

 

धूम्राम्बरं धूम्र-वर्णं, धूम्र-गन्धानुलेपनम्।

धूम्र-पुष्पै पूज्यमानं, नमामि ऋण-मुक्तये।।9।।

 

सर्वाम्बरं सर्व-वर्णं, सर्व-गन्धानुलेपनम्।

सर्व-पुष्पै पूज्यमानं, नमामि ऋण-मुक्तये।।10।।


भद्र-जातं च रुपं च, पाशांकुश-धरं शुभम्।

सर्व-विघ्न-हरं देवं, नमामि ऋण-मुक्तये।।11।।

 

ऋणमोचन महागणपति स्तोत्र फल श्रुति ((Rin Mochan Maha Ganapati Strotrm Phal Shruti) :–

 

यः पठेत् ऋण-हरं-स्तोत्रं, प्रातः-काले सुधी नरः। षण्मासाभ्यन्तरे चैव, ऋणच्छेदो भविष्यति

 

जो भी व्यक्ति उक्त “ऋणमोचन महागणपति स्तोत्र " का नित्य प्रातः काल पाठ करता है।  उसका छः मास में ऋण निवारण होता है ।


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