राधा रानी की आरती (Radha rani ki aarti Lyrics in Hindi) - आरती श्री वृषभानुसुता की Radha Rani Aarti - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

 

राधा रानी की आरती (Radha rani ki aarti Lyrics in Hindi) - 


आरती श्री वृषभानुसुता की

मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥


त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि

विमल विवेकविराग विकासिनि ।

पावन प्रभु पद प्रीति प्रकाशिनि

सुन्दरतम छवि सुन्दरता की ॥

आरती श्री वृषभानुसुता की..॥


मुनि मन मोहन मोहन मोहनि

मधुर मनोहर मूरति सोहनि ।

अविरलप्रेम अमिय रस दोहनि

प्रिय अति सदा सखी ललिता की ॥

आरती श्री वृषभानुसुता की..॥


संतत सेव्य सत मुनि जनकी

आकर अमित दिव्यगुन गनकी ।

आकर्षिणी कृष्ण तन मनकी

अति अमूल्य सम्पति समता की ॥

आरती श्री वृषभानुसुता की..॥

आरती श्री वृषभानुसुता की ।


कृष्णात्मिका कृष्ण सहचारिणि

चिन्मयवृन्दा विपिन विहारिणि ।

जगजननि जग दुखनिवारिणि

आदि अनादिशक्ति विभुता की ॥

आरती श्री वृषभानुसुता की..॥


आरती श्री वृषभानुसुता की

मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥


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