जहाँ पाँव में पायल हाथ में कंगन लिरिक्स (Jaha Pav Me Payal Hath Me Kangan Lyrics in Hindi) - Desh Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

 

जहाँ पाँव में पायल हाथ में कंगन लिरिक्स (Jaha Pav Me Payal Hath Me Kangan Lyrics in Hindi) - 


जहाँ पाँव में पायल हाथ में कंगन

हो माथे पे बिंदिया


इट हप्पेंस ओनली इन इंडिया

इट हप्पेंस ओनली इन इंडिया


जहां जंग पे जाए सिपाही

तोह खुद सजनि तिलक लगाए

मुँह से तोह कुछ न बोले

चुपके चुपके नीर बहाए

और अश्कों से अपने

लिखकर भेजे प्यार की चिठ्ठिया

इट हप्पेंस ओनली इन इंडिया

इट हप्पेंस ओनली इन इंडिया


जहां दिन निकले सुनकर

श्लोक गुरबानी और अजान

अल्लाह ओ अल्लाह

जहां मजहब से ऊँचा है

इंसान सारे एक सामान

अरे आंच नहीं है साँच को

चाहे देख ले सारी दुनिया

इट हप्पेंस ओनली इन इंडिया

इट हप्पेंस ओनली इन इंडिया


शबरी के खाके बेर

राम ने प्रेम की प्रथा चलाई

मीरा ने पीकर जहर का

प्याला प्रीत की रीत निभाई

जहां प्रेम की धुन पे

गोपियों संग नाचे कृष्ण कन्हैया

कहीं होता है रे भैया

इट हप्पेंस ओनली इन इंडिया

इट हप्पेंस ओनली इन इंडिया


सावन के झूले कहीं पे

बैसाखी के मेले

लगता है खुद कुदरत

इस धरती पे आकर खेलें

जहां मान से लोरी सुन

बूना बच्चों को न आये निन्दिया

इट हप्पेंस ओनली इन इंडिया

इट हप्पेंस ओनली इन इंडिया


प्रेम कहानी मेरे देश की

एक से एक निराली

जहां सोहनी ने महीवाल के

खातिर अपनी जान गवाई

और रांझे ने

हीर की इक पल न सही जुदायी

जहां शिरीन और फरहाद के

इश्क़ में बहिन दूध की नदिया

इट हप्पेंस ओनली इन इंडिया.||


*** Singer - Singer: Anand Raj Anand ***



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