दुश्मनी की तो क्या पूछिये दोस्ती का भरोसा नहीं लिरिक्स (Dushmani Ki To Kya Puchhiye Dosti Ka Bharosa Nhi Lyrics in Hindi) - kavvali - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

 

दुश्मनी की तो क्या पूछिये दोस्ती का भरोसा नहीं लिरिक्स (Dushmani Ki To Kya Puchhiye Dosti Ka Bharosa Nhi Lyrics in Hindi) - 


दुश्मनी की तो क्या पूछिये

दोस्ती का भरोसा नहीं.

आप मुझ से भी पर्दा करें,

अब किसी का भरोसा नही.


कल ये मेरे भी आँगन में थी,

जिसपे तुमको गुरूरआज है.

कल ये शायद तुझे छोड़ दे,

इस ख़ुशी का भरोसा नही.


|| शायरी ||

मुश्किल कोई आन पड़ी तो घबराने से क्या होगा !

जीने की तरक़ीब निकालो मर जाने से क्या होगा !!


क्या ज़रूरी है हर रात में,

चाँद तुमको मिले जानेजाँ.

जुगनुओं से भी निस्बत रखो,

चाँदनी का भरोसा नही.


रात दिन मुस्तकिल कोशिशें,

ज़िन्दगी कैसे बेहतर बने.

इतने दुख ज़िन्दगी के लिये,

और इसी का भरोसा नही.


|| शायरी ||

सच मेरे बारे में था तो कितना अच्छा था !

तेरे बारे में बोला तो कड़वा लगता है !!


ये तकल्लुफ भला कब तलक,

मेरे नज़दीक आ जाइये.

कल रहे न रहे क्या पता,

ज़िन्दगी का भरोसा नहीं.


पत्थरों से कहो राज़-ए- दिल,

ये ना देंगे दवा आप को.

ऐ नदीम आज के दौर में,

आदमी का भरोसा नही.||


*//// Anis Sabri Ghazal ////*



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