अबके सतगुरु मोय जगायो लिरिक्स (Abke Satguru Moy Jagayo Lyrics in Hindi) - Sataguru Bhajan:-
अबके सतगुरु मोय जगायो लिरिक्स (Abke Satguru Moy Jagayo Lyrics in Hindi) -
|| दोहा ||
स्वामी सतगुरु ब्रह्म हैं
फेर सार नहीं कोय
सुंदर तिनको सिमरते
सब सिद्द कारज होय ||
दादू राम भजन रे कारणे
जे थू खड़ा उदास
साद संगत को सोदले
राम उन्ही के पास ||
दादू सतगुरु ऐसा मिले
रज्जब शिष्य सुजान
एक शब्द में सुलझ गया
मिट गयी खींचातान ||
बलिहारी गुरु आपनो
घड़ी-घड़ी सौ सौ बार
मानुष से देवत किया
करत न लागी बार ||
तीरथ गये ते एक फल
सन्त मिले फल चार
सतगुरु मिले अनेक फल
कहें कबीर विचार ||
सतगुरू की महिमा अनंत
अनंत किया उपकार
लोचन अनंत उघाडिया
अनंत दिखावणहार ||
गुरु बिन ज्ञान न उपजै
गुरु बिन मिलै न मोष
गुरु बिन लखै न सत्य को
गुरु बिन मिटै न दोष ||
अबके सतगुरु मोय जगायो
सूतो हुओ अचेत नींद में
बहुत काल दुख पायो
अबके सतगुरु मोय जगायों || ||
केई दफे देव भयो कर्मन से
केई दफे इंद्र कहवायो
केई दफे भूत पिशाच निशाचर
खातों नाय अघायो
अबके सतगुरु मोय जगायों || ||
केई दफे मानुष देहि धरके
भव मण्डल में आयो
केई दफे पशु और पक्षी होकर
कीट पतंग रे दिखायो
अबके सतगुरु मोय जगायों || ||
तीन गुणा रा कर्मन करके
ना ना जूण भुगतायो
स्वर्ग नरक पाताल लोक में
ऐसो चक्र घुमायो
अबके सतगुरु मोय जगायों || ||
ये तो सपना आद अनादि
वचन झेल थिर थायो
सूंदर ज्ञान प्रकाश भयो तब
सारो तिमिर मिटायो
अबके सतगुरु मोय जगायों || ||
अबके सतगुरु मोय जगायों
सूतो हुओ अचेत नींद में
बहुत काल दुख पायो
अबके सतगुरु मोय जगायों ||
If you liked this post please do not forget to leave a comment. Thanks