अबके सतगुरु मोय जगायो लिरिक्स (Abke Satguru Moy Jagayo Lyrics in Hindi) - Sataguru Bhajan - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

 

अबके सतगुरु मोय जगायो लिरिक्स (Abke Satguru Moy Jagayo Lyrics in Hindi) - Sataguru Bhajan:-

अबके सतगुरु मोय जगायो लिरिक्स (Abke Satguru Moy Jagayo Lyrics in Hindi) - Sataguru Bhajan - Bhaktilok

अबके सतगुरु मोय जगायो लिरिक्स (Abke Satguru Moy Jagayo Lyrics in Hindi) - 


|| दोहा ||

 स्वामी सतगुरु ब्रह्म हैं

फेर सार नहीं कोय

सुंदर तिनको सिमरते

सब सिद्द कारज होय ||


दादू राम भजन रे कारणे

जे थू खड़ा उदास

साद संगत को सोदले

राम उन्ही के पास ||


दादू सतगुरु ऐसा मिले

रज्जब शिष्य सुजान

एक शब्द में सुलझ गया

मिट गयी खींचातान ||


बलिहारी गुरु आपनो

घड़ी-घड़ी सौ सौ बार

मानुष से देवत किया

करत न लागी बार ||


तीरथ गये ते एक फल

सन्त मिले फल चार

सतगुरु मिले अनेक फल

कहें कबीर विचार ||


सतगुरू की महिमा अनंत

अनंत किया उपकार

लोचन अनंत उघाडिया

अनंत दिखावणहार ||


गुरु बिन ज्ञान न उपजै

गुरु बिन मिलै न मोष

गुरु बिन लखै न सत्य को

गुरु बिन मिटै न दोष ||


अबके सतगुरु मोय जगायो

सूतो हुओ अचेत नींद में

बहुत काल दुख पायो

अबके सतगुरु मोय जगायों || ||


केई दफे देव भयो कर्मन से

केई दफे इंद्र कहवायो

केई दफे भूत पिशाच निशाचर

खातों नाय अघायो

अबके सतगुरु मोय जगायों || ||


केई दफे मानुष देहि धरके

भव मण्डल में आयो

केई दफे पशु और पक्षी होकर

कीट पतंग रे दिखायो

अबके सतगुरु मोय जगायों || ||


तीन गुणा रा कर्मन करके

ना ना जूण भुगतायो

स्वर्ग नरक पाताल लोक में

ऐसो चक्र घुमायो

अबके सतगुरु मोय जगायों || ||


ये तो सपना आद अनादि

वचन झेल थिर थायो

सूंदर ज्ञान प्रकाश भयो तब

सारो तिमिर मिटायो

अबके सतगुरु मोय जगायों || ||


अबके सतगुरु मोय जगायों

सूतो हुओ अचेत नींद में

बहुत काल दुख पायो

अबके सतगुरु मोय जगायों || 


Post a Comment

0Comments

If you liked this post please do not forget to leave a comment. Thanks

Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !