आनंद ही आनंद बरस रहा बलिहारी ऐसे सतगुरु की (Aanand Hi Aanand Baras Raha Lyrics in Hindi) -
आनंद ही आनंद बरस रहा बलिहारी ऐसे सतगुरु की
बलिहारी ऐसे सतगुरु की
आनंद ही आनंद बरस रहा बलिहारी ऐसे सतगुरु की
तन भाग हमारे आज हुए शुभ दर्शन ऐसे सद्गुरु की
शुभ दर्शन ऐसे सद्गुरु की
पावन की मीन भारत भूमि बलिहारी ऐसे सतगुरु की
आनंद ही आनंद बरस रहा बलिहारी ऐसे सतगुरु की
क्या रूप अनुपम पायो है सो हे जिन तारों विच चंदा
सो हे जिन तारों विच चंदा
सूरत मुहूर्त मोहन कारी बलिहारी ऐसे सतगुरु की
आनंद ही आनंद बरस रहा बलिहारी ऐसे सतगुरु की
क्या प्रेम छटा क्या मधुर वाणी बरसत वाणी अमृत धारा
बरसत वाणी अमृत धारा
वह मधुर मधुर अजब ध्वनि बलिहारी ऐसे सतगुरु की
आनंद ही आनंद बरस रहा बलिहारी ऐसे सतगुरु की
गुरु ज्ञानरूपी जल बरसा कर गुरु धर्म बगीचा लगा दिया
गुरु धर्म बगीचा लगा दिया
खेल रही यह कैसी फुलवारी बलिहारी ऐसे सतगुरु की
आनंद ही आनंद बरस रहा बलिहारी ऐसे सतगुरु की -4
- ⇨Title : Anand Hi Anand Baras Raha
- ⇨Singer : Komal Pareek & Shailza Vyas
- ⇨Music : Gandhi Brothers (Prakash-Subhash Gandhi)
- ⇨Music Label : Power Music Company
- ⇨Category : Bhajan
- ⇨Sub Category : Devotional
- ⇨Track Genre : Spiritual
- ⇨Producer : DP Dhaka
- ⇨Copyrights : Power Music Company
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