यह तन विष की बेलरी दोहे का अर्थ(Yah Tan Vish Ki Belari Dohe Ka Arth in Hindi) :-
यह तन विष की बेलरी, गुरु अमृत की खान ।
शीश दियो जो गुरु मिले, तो भी सस्ता जान ।
यह तन विष की बेलरी दोहे का अर्थ(Yah Tan Vish Ki Belari Dohe Ka Arth in Hindi):- कबीर दास जी कहते हैं कि यह जो शरीर है वो विष जहर से भरा हुआ है और गुरु अमृत की खान हैं। अगर अपना शीशसर देने के बदले में आपको कोई सच्चा गुरु मिले तो ये सौदा भी बहुत सस्ता है।
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