ऊँचे कुल का जनमिया करनी ऊँची न होय दोहे का अर्थ(Unche Kul Ka Janamaiya Karani Unchi Hoy Dohe Ka Arth in Hindi) - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind


ऊँचे कुल का जनमिया करनी ऊँची न होय दोहे का अर्थ(Unche Kul Ka Janamaiya Karani Unchi Hoy Dohe Ka Arth in Hindi):- 


ऊँचे कुल का जनमिया, करनी ऊँची न होय ।

सुवर्ण कलश सुरा भरा, साधू निंदा होय ।


ऊँचे कुल का जनमिया करनी ऊँची न होय दोहे का अर्थ(Unche Kul Ka Janamaiya Karani Unchi Hoy Dohe Ka Arth in Hindi) - Bhaktilok


ऊँचे कुल का जनमिया करनी ऊँची न होय दोहे का अर्थ(Unche Kul Ka Janamaiya Karani Unchi Hoy Dohe Ka Arth in Hindi):- 

कबीर दास जी कहते हैं कि ऊँचे कुल में जन्म तो ले लिया लेकिन अगर कर्म ऊँचे नहीं है तो ये तो वही बात हुई जैसे सोने के लोटे में जहर भरा हो, इसकी चारों ओर निंदा ही होती है।




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