कामी क्रोधी लालची इनसे भक्ति न होय दोहे का अर्थ(Kami Krodhi Lalachi inase Bhakti Na Hoy Dohe Ka Arthnin Hindi):-
कामी क्रोधी लालची, इनसे भक्ति न होय ।
भक्ति करे कोई सुरमा, जाती बरन कुल खोए ।
कामी क्रोधी लालची इनसे भक्ति न होय दोहे का अर्थ(Kami Krodhi Lalachi inase Bhakti Na Hoy Dohe Ka Arthnin Hindi):-
कबीर दास जी कहते हैं कि कामी, क्रोधी और लालची, ऐसे व्यक्तियों से भक्ति नहीं हो पाती। भक्ति तो कोई सूरमा ही कर सकता है जो अपनी जाति, कुल, अहंकार सबका त्याग कर देता है।
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