थारो म्हारो मावड़ी घणी पुराणी प्रीत लिरिक्स (Tharo mahari mawadi ghani purani preet Lyrics in Hindi) - Rani Sati Dadi Bhajan - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

 

थारो म्हारो मावड़ी घणी पुराणी प्रीत लिरिक्स (Tharo mahari mawadi ghani purani preet Lyrics in Hindi) - 


थारो म्हारो मावड़ी घणी पुराणी प्रीत

केड आवां तो लागे है जईयां आग्या म्हे तो पीर

थारो म्हारो मावड़ी ...........                        


जठै जठै मैं चालूँ मावड़ी थे तो फूल बिछाओ हो

जी कानी मैं देखूँ मावड़ी नजर मन्ने थे ही आओ

मिलतो रवे दादी म्हाने इक थारो प्यार दुलार

थारो म्हारो मावड़ी ...........                          


सासरिये में चिंता मावड़ी केड में आराम है

पिहरिये के लाड में दादी बीते चारों याम हैं

म्हारे सासरिये में सगला सब जावण केड तैयार

थारो म्हारो मावड़ी.................                  


थारी किरपा से ही मधु को हरयो भरयो परिवार है

थारो जवाईं भी म्हारी दादी करे थारी मनुहार है

थारा टाबरिया भी दादी बस करै थाने ही याद

थारो म्हारो मावड़ी............                


विदा होने की जब घड़ी आवे हिवड़ो भर-भर जावे है

आंख्या का पानी मोती बन चरणां में चढ़ जावे है

मन्ने हिवड़े लगाकर दादी बोली आती रहिज्ये पीर

थारो म्हारो मावड़ी...................


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