शिव नाम जपने की रात आई(Shiv Naam Japne Ki Raat Aai Bhajan Lyrics in Hindi) - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind


शिव नाम जपने की रात आई(Shiv Naam Japne Ki Raat Aai Bhajan Lyrics in Hindi) - 


शिव नाम जपने की रात आई

रात आई रे शिव रात आई शिवरात्रि आई।।


कौन गंगा को सर पे उठाता

कौन धरती को पावन बनाता

गंगा की तीव्रता कौन रोके भला

देवताओ को तब शिव की याद आई

शिव नाम जपने की रात आईं

रात आई रे शिव रात आई शिवरात्रि आई।।


भोले बाबा के गुणगान गालो

अपना सोया नसीबा जगालो

वो दयालु बड़े वो कृपालु बड़े

सारी खुशिया है बाबा से मेने पाई

शिव नाम जपने की रात आईं

रात आई रे शिव रात आई शिवरात्रि आई।।


कबसे प्यासे है मेरे ये नैनन

अब तो देदो बाबा मुझको दर्शन

मुझको कहता जगत हां भोले तेरा भगत

भक्ति ‘आतिश’ की ‘लख्खा’ है रन्ग लाई

शिव नाम जपने की रात आईं

रात आई रे शिव रात आई शिवरात्रि आई।।


Post a Comment

0Comments

If you liked this post please do not forget to leave a comment. Thanks

Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !