सातों सबद जू बाजते घरि घरि होते राग दोहे का अर्थ(Sato Sabad Ju Bajate Ghari Ghari Hote Raag Dohe Ka Arth in Hindi):-
सातों सबद जू बाजते घरि घरि होते राग ।
ते मंदिर खाली परे बैसन लागे काग ।
सातों सबद जू बाजते घरि घरि होते राग दोहे का अर्थ(Sato Sabad Ju Bajate Ghari Ghari Hote Raag Dohe Ka Arth in Hindi):-
कबीर कहते हैं कि जिन घरों में सप्त स्वर गूंजते थे, पल पल उत्सव मनाए जाते थे, वे घर भी अब खाली पड़े हैं – उनपर कौए बैठने लगे हैं। हमेशा एक सा समय तो नहीं रहता ! जहां खुशियाँ थी वहां गम छा जाता है जहां हर्ष था वहां विषाद डेरा डाल सकता है – यह इस संसार में होता है !।
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