सब धरती काजग करू दोहे का अर्थ (Sab Dharati Kagaj Karu Dohe Ka Arth in Hindi):-
सब धरती काजग करू, लेखनी सब वनराज ।
सात समुद्र की मसि करूँ, गुरु गुण लिखा न जाए ।
सब धरती काजग करू दोहे का अर्थ (Sab Dharati Kagaj Karu Dohe Ka Arth in Hindi):-
अगर मैं इस पूरी धरती के बराबर बड़ा कागज बनाऊं और दुनियां के सभी वृक्षों की कलम बना लूँ और सातों समुद्रों के बराबर स्याही बना लूँ तो भी गुरु के गुणों को लिखना संभव नहीं है
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