रात गंवाई सोय के दिवस गंवाया खाय दोहे का अर्थ(Raat Ganwai Soy Ke Divas Gavaya Khay Dohe Ka Arth in Hindi) - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

 

रात गंवाई सोय के दिवस गंवाया खाय दोहे का अर्थ(Raat Ganwai Soy Ke Divas Gavaya Khay Dohe Ka Arth in Hindi):- 


रात गंवाई सोय के, दिवस गंवाया खाय ।

हीरा जन्म अमोल सा, कोड़ी बदले जाय ।


रात गंवाई सोय के दिवस गंवाया खाय दोहे का अर्थ(Raat Ganwai Soy Ke Divas Gavaya Khay Dohe Ka Arth in Hindi) - Bhaktilok


रात गंवाई सोय के दिवस गंवाया खाय दोहे का अर्थ(Raat Ganwai Soy Ke Divas Gavaya Khay Dohe Ka Arth in Hindi):-

कबीर दास जी कहते हैं कि रात को सोते हुए गँवा दिया और दिन खाते खाते गँवा दिया। आपको जो ये अनमोल जीवन मिला है वो कोड़ियों में बदला जा रहा है।




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