पतिबरता मैली भली गले कांच की पोत दोहे का अर्थ(Patibarata Maili Bhali Gale kanch ki Pot Dohe Ka Arth in Hindi):-
पतिबरता मैली भली गले कांच की पोत ।सब सखियाँ में यों दिपै ज्यों सूरज की जोत ।
पतिबरता मैली भली गले कांच की पोत दोहे का अर्थ(Patibarata Maili Bhali Gale kanch ki Pot Dohe Ka Arth in Hindi):-
पतिव्रता स्त्री यदि तन से मैली भी हो भी अच्छी है। चाहे उसके गले में केवल कांच के मोती की माला ही क्यों न हो। फिर भी वह अपनी सब सखियों के बीच सूर्य के तेज के समान चमकती है !
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