मंगल की सेवा सुन मेरी देवा भजन(Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Lyrics in Hindi) - Narendra Chanchal - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

 

मंगल की सेवा सुन मेरी देवा भजन(Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Lyrics in Hindi) - Narendra Chanchal - 


मंगल की सेवा सुन मेरी देवा

हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े

पान सुपारी ध्वजा नारियल

ले ज्वाला तेरी भेंट धरे ।

सुन जगदम्बे कर ना विलम्बे

संतन के भडांर भरे

संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली

जय काली कल्याण करे ।


बुद्धि विधाता तू जग माता

मेरा कारज सिद्ध करे

चरण कमल का लिया सहारा

शरण तुम्हारी आन पड़े ।

जब जब भीड़ पड़ी भक्तन पर

तब तब आय सहाय करे

संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली

जय काली कल्याण करे ।

मंगल की सेवा सुन मेरी देवा

हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े ।


गुरु के वार सकल जग मोहयो

तरूणी रूप अनूप धरे

माता होकर होकर पुत्र खिलावे

कही भार्या भोग करे ।

शुक्र सुखदाई सदा सहाई

संत खड़े जयकार करे

संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली

जय काली कल्याण करे ।


ब्रह्मा विष्णु महेश फल लिये

भेट देन तेरे द्वार खड़े

अटल सिहांसन बैठी मेरी माता

सिर सोने का छत्र फिरे ।

वार शनिचर कुमकुम बरणी

जब लुकड़ पर हुकुम करे

संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली

जय काली कल्याण करे ।


खड्ग खप्पर त्रिशुल हाथ लिये

रक्त बीज को भस्म करे

शुम्भ निशुम्भ को क्षण में मारे

महिषासुर को पकड दले ।

आदित वारी आदि भवानी

जन अपने को कष्ट हरे

संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली

जय काली कल्याण करे ।

मंगल की सेवा सुन मेरी देवा

हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े ।


कुपित होयकर दानव मारे

चण्डमुण्ड सब चूर करे

जब तुम देखी दया रूप हो

पल में सकंट दूर करे ।

सौम्य स्वभाव धरयो मेरी माता

जन की अर्ज कबूल करे

संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली

जय काली कल्याण करे ।


सात बार की महिमा बरनी

सब गुण कौन बखान करे

सिंह पीठ पर चढ़ी भवानी

अटल भवन में राज करे ।

दर्शन पावे मंगल गावे

सिद्ध साधक तेरी भेंट धरे

संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली

जय काली कल्याण करे ।


ब्रह्मा वेद पढ़े तेरे द्वारे

शिव शंकर हरी ध्यान धरे

इन्द्र कृष्ण तेरी करे आरती

चंवर कुबेर डुलाय रहे ।

जय जननी जय मात भवानी

अटल भवन में राज करे

संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली

जय काली कल्याण करे ।

मंगल की सेवा सुन मेरी देवा

हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े ।


मंगल की सेवा सुन मेरी देवा

हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े

पान सुपारी ध्वजा नारियल

ले ज्वाला तेरी भेंट धरे ।

सुन जगदम्बे कर ना विलम्बे

संतन के भडांर भरे

संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली

जय काली कल्याण करे ।


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