मान महातम प्रेम रस गरवा तण गुण नेह दोहे का अर्थ(Maan Maharat Prem Ras Garawa Tan Hun Neh Dohe Ka Arth in Hindi):-
मान, महातम, प्रेम रस, गरवा तण गुण नेह।
ए सबही अहला गया, जबहीं कह्या कुछ देह।
मान महातम प्रेम रस गरवा तण गुण नेह दोहे का अर्थ(Maan Maharat Prem Ras Garawa Tan Hun Neh Dohe Ka Arth in Hindi):-
मान, महत्त्व, प्रेम रस, गौरव गुण तथा स्नेह – सब बाढ़ में बह जाते हैं जब किसी मनुष्य से कुछ देने के लिए कहा जाता है।
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