कबीर तहाँ न जाइये जहाँ जो कुल को हेत दोहे का अर्थ(Kabir tanha Na Jayiye Janha Jo Kul Ka Het Dohe Ka Arth in Hindi):-
कबीर तहाँ न जाइये, जहाँ जो कुल को हेत।साधुपनो जाने नहीं, नाम बाप को लेत।
कबीर तहाँ न जाइये जहाँ जो कुल को हेत दोहे का अर्थ(Kabir tanha Na Jayiye Janha Jo Kul Ka Het Dohe Ka Arth in Hindi) :-
गुरु कबीर साधुओं से कहते हैं कि वहाँ पर मत जाओ, जहाँ पर पूर्व के कुल-कुटुम्ब का सम्बन्ध हो। क्योंकि वे लोग आपकी साधुता के महत्व को नहीं जानेंगे, केवल शारीरिक पिता का नाम लेंगे ‘अमुक का लड़का आया है’।
If you liked this post please do not forget to leave a comment. Thanks