कबीर हमारा कोई नहीं हम काहू के नाहिं दोहे का अर्थ(Kabir Hamara Koi Nahi Ham Kahu Ke Nahi Dohe Ka Arth in Hindi)

Deepak Kumar Bind

 

कबीर हमारा कोई नहीं हम काहू के नाहिं दोहे का अर्थ(Kabir Hamara Koi Nahi Ham Kahu Ke Nahi Dohe Ka Arth in Hindi):-


कबीर हमारा कोई नहीं हम काहू के नाहिं ।
पारै पहुंचे नाव ज्यौं मिलिके बिछुरी जाहिं ।

 

कबीर हमारा कोई नहीं हम काहू के नाहिं दोहे का अर्थ(Kabir Hamara Koi Nahi Ham Kahu Ke Nahi Dohe Ka Arth in Hindi)


कबीर हमारा कोई नहीं हम काहू के नाहिं दोहे का अर्थ(Kabir Hamara Koi Nahi Ham Kahu Ke Nahi Dohe Ka Arth in Hindi):-

इस जगत में न कोई हमारा अपना है और न ही हम किसी के ! जैसे नांव के नदी पार पहुँचने पर उसमें मिलकर बैठे हुए सब यात्री बिछुड़ जाते हैं वैसे ही हम सब मिलकर बिछुड़ने वाले हैं। सब सांसारिक सम्बन्ध यहीं छूट जाने वाले हैं



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