जब गुण को गाहक मिले तब गुण लाख बिकाई दोहे का अर्थ(Jab Gun ko Gahak Mile Tab Gud Lakh Bikai Dohe Ka Arth in Hindi):-
जब गुण को गाहक मिले, तब गुण लाख बिकाई।
जब गुण को गाहक नहीं, तब कौड़ी बदले जाई।
जब गुण को गाहक मिले तब गुण लाख बिकाई दोहे का अर्थ(Jab Gun ko Gahak Mile Tab Gud Lakh Bikai Dohe Ka Arth in Hindi):-
कबीर कहते हैं कि जब गुण को परखने वाला गाहक मिल जाता है तो गुण की कीमत होती है। पर जब ऐसा गाहक नहीं मिलता, तब गुण कौड़ी के भाव चला जाता है।
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