जानि बूझि साँचहि तजै करै झूठ सूं नेह दोहे का अर्थ(Jaani Bujhi Sanchahi Tajai Karai Jhooth Sun Neh Dohe Ka Arth in Hindi):-
जानि बूझि साँचहि तजै, करै झूठ सूं नेह ।
ताकी संगति रामजी, सुपिनै ही जिनि देहु ।
जानि बूझि साँचहि तजै करै झूठ सूं नेह दोहे का अर्थ(Jaani Bujhi Sanchahi Tajai Karai Jhooth Sun Neh Dohe Ka Arth in Hindi):-
जो जानबूझ कर सत्य का साथ छोड़ देते हैं झूठ से प्रेम करते हैं हे भगवान् ऐसे लोगों की संगति हमें स्वप्न में भी न देना।
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