हृदि पवित्रकारणार्थ न्यास(Hradi Pavitrakarnarth Nyas Sanskrit me) - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

 

हृदि पवित्रकारणार्थ न्यास(Hradi Pavitrakarnarth Nyas Sanskrit me):-


हृदि पवित्रकारणार्थ न्यास(Hradi Pavitrakarnarth Nyas Sanskrit me) - Bhaktilok


हृदि पवित्रकारणार्थ न्यास(Hradi Pavitrakarnarth Nyas Sanskrit me) :- 


ॐ वाक् वाक् (अञ्जलियों से मुख का स्पर्श) 

ॐ प्राणः प्राणः (तर्जनी और अंगूठे से नाक का स्पर्श) 

ॐ चक्षुश्चक्षुः (अनामिका और अंगूठे से दोनों आँख) 

ॐ श्रोत्रं श्रोत्रम् (मध्यमा और अंगूठे से दोनों कान) 

ॐ नाभिः नाभिः (अंगुष्ठ एवं कनिष्ठका से नाभि) 

ॐ हृदयम् (दक्षिण करतल से हृदय) 

ॐ कण्ठः (दाहिने हाथ की अंगुलियों के अग्र भाग से कण्ठ) 

ॐ मुखम् (दाहिने हाथ के अगले भाग से मुख). 

ॐ शिरः (अंगुलियों से शिर) 

ॐ शिखाम् (अंगुलियों से चोटी का स्पर्श) 

ॐ वाहुभ्यां यशोबलम् (दाहिने हाथ से दोनों भुजाओं का स्पर्श) इसके बाद दोनों हाथों से शिर से पैर तक स्पर्श करें।




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