बनिजारे के बैल ज्यों भरमि फिर्यो चहुँदेश दोहे का अर्थ(Banijaare Ke Bail jyon Bharami Phiryo Chahudesh Dohe Ka Arth in Hindi):-
बनिजारे के बैल ज्यों, भरमि फिर्यो चहुँदेश।खाँड़ लादी भुस खात है, बिन सतगुरु उपदेश।
बनिजारे के बैल ज्यों भरमि फिर्यो चहुँदेश दोहे का अर्थ(Banijaare Ke Bail jyon Bharami Phiryo Chahudesh Dohe Ka Arth in Hindi):-
सौदागरों के बैल जैसे पीठ पर शक्कर लाद कर भी भूसा खाते हुए चारों और फेरि करते है। इस प्रकार इस प्रकार यथार्थ सद्गुरु के उपदेश बिना ज्ञान कहते हुए भी विषय – प्रपंचो में उलझे हुए मनुष्य नष्ट होते है।
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