श्री हरी स्तोत्रम (Shri Hari Stotram Lyrics in Hindi) - Vishnu Mahamantra Pt. Govinda Sharma - BhaktiLok

Suraj

श्री हरी स्तोत्रम (Shri Hari Stotram Lyrics in Hindi) - 


जगज्जाल पालम् कचत् कण्ठमालं शरच्चन्द्र भालं महादैत्य कालम्।
नभो-नीलकायम् दुरावारमायम् सुपद्मा सहायं भजेऽहं भजेऽहं।1।

सदाम्भोधिवासं गलत्पुष्हासं जगत्सन्निवासं शतादित्यभासम्।
गदाचक्रशस्त्रं लसत्पीत-वस्त्रं हसच्चारु-वक्रं भजेऽहं भजेऽहं।2।

रमाकण्ठहारं श्रुतिवातसारं जलान्तर्विहारं धराभारहारम्।
चिदानन्दरूपं मनोज्ञस्वरूपं धृतानेकरूपं भजेऽहं भजेऽहं।3।

जराजन्महीनम् परानन्द पीनम् समाधान लीनं सदैवानवीनम्।
जगज्जन्म हेतुं सुरानीककेतुम् त्रिलोकैकसेतुं भजेऽहं भजेऽहं।4।

कृताम्नाय गानम् खगाधीशयानं विमुक्तेर्निदानं हरारातिमानम्।
स्वभक्तानुकूलम् जगद्दृक्षमूलम् निरस्तार्तशूलम् भजेऽहं भजेऽहं।5।

समस्तामरेशम् द्विरेफाभ केशं जगद्विम्बलेशम् हृदाकाशदेशम्।
सदा दिव्यदेहं विमुक्ताखिलेहम् सुवैकुन्ठगेहं भजेऽहं भजेऽहं।6।

सुराली-बलिष्ठं त्रिलोकीवरिष्ठं गुरूणां गरिष्ठं स्वरूपैकनिष्ठम्।
सदा युद्धधीरं महावीर वीरम् महाम्भोधि तीरम् भजेऽहं भजेऽहं।7।

रमावामभागम् तलनग्ननागम् कृताधीनयागम् गतारागरागम्।
मुनीन्द्रैः सुगीतं सुरैः संपरीतं गुणौगैरतीतं भजेऽहं भजेऽहं।8।

 

Also Read Shree Krishna Bhajan:-

 



Post a Comment

0Comments

If you liked this post please do not forget to leave a comment. Thanks

Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !