गले में जिसके नाग भोलेनाथ जी लिरिक्स (Gale Me Jiske Naag Bholenath ji Lyrics in Hindi) - Hashtag Pandit Shiv Bhajan - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

 

गले में जिसके नाग भोलेनाथ जी लिरिक्स (Gale Me Jiske Naag Bholenath ji Lyrics in Hindi) - 


ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥


गले में जिसके नाग

सर पे गंगे का निवास

जो नाथों का है नाथ भोलेनाथ जी


करता पापों का विनाश

कैलाश पे निवास

डमरू वाला वो सन्यास भोलेनाथजी।


जो फिरता मारा मारा

उसको देता वो सहारा

तीनो लोक का वो स्वामी भोलेनाथ जी


रख दे सर पे जिसके हाथ

दुनिया चलती उसके साथ

ऐसा खेल है खिलाता मेरा नाथ जी।


मोह माया से परे 

उसकी छाया के तले

जो तपता दिन रात 

उसको रोशनी मिले।


केदार विश्वनाथ मुझको जाना अमरनाथ 

जहां मिलता तेरा साथ भोलेनाथ जी

रख दे सर पे जिसके हाथ 

दुनिया चलती उसके साथ 

ऐसा खेल है खिलाता मेरा नाथ जी।


ये दुनिया है भिखारी पैसे की मारी मारी 

मेरा तू ही है सहारा मेरे भोलेनाथ जी

मेरा हाथ ले तू थाम बाबा ले जा अपने धाम 

इस दुनिया से बचा ले मुझको शंभूनाथ जी


मोह माया से परे तेरी छाया के तले

जो तपता दिन रात उसको रोशनी मिले।


केदार विश्वनाथ मुझको जाना अमरनाथ 

जहां मिलता तेरा साथ भोलेनाथ जी 

रख दे सर पे जिसके हाथ 

दुनिया चलती उसके साथ 

ऐसा खेल है खिलाता मेरा नाथ जी।


तेरा रूप है प्रचण्ड तू आरंभ तू ही अंत 

तू ही सृष्टि का रचियता मेरे भोलेनाथ जी 

में खुद हूं खण्ड खण्ड फिर कैसा है घमंड़ 

मुझे तुझमें है समाना मेरे भोलेनाथज़ी


मोह माया से परे तेरी छाया के तले

जो तपता दिन रात उसको रोशनी मिले।


केदार विश्वनाथ मुझको जाना अमरनाथ जहां 

मिलता तेरा साथ भोलेनाथ जी 

रख दे सर पे जिसके हाथ 

दुनिया चलती उसके साथ 

ऐसा खेल है खिलाता मेरा नाथ जी।



( Singer - Hashtag Pandit )




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