भोले दानी रे भोले दानी लिरिक्स (Bhole Dani Re Bhole Dani Lyrics in Hindi) - Lakhbir Singh Lakkha Shiv Bhajan भोले दानी | Bhole Daani - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

 

भोले दानी रे भोले दानी लिरिक्स (Bhole Dani Re Bhole Dani Lyrics in Hindi) - 


भोले दानी रे भोले दानी

भोले दानी भोले दानी भोले निराला

पिये सदा भंगिया का प्याला

काले काले रे काले काले

काले नागों की माला को अपने गले में है डाले

जो चाहे मांगो जो चाहे ले लो

सोना चांदी हीरा मोती

सब देने वाला रे भोले दानी भोले दानी


भोले बाबा जी के सब हैं पुजारी नर हो या नारी

ये सब संसारी दर के भिखारी

सारे भक्तों के हितकारी त्रिशूलधारी 

भोले भंडारी नंदीवाले नागधारी ॥

अब तक किसी को भी देकर निराशा

इसने कभी अपने दर से ना टाला 

रे भोला दानी भोला दानी...


सबसे बड़े जग में है यही ज्ञानी 

भोले वरदानी त्रिशूल पाणी

शिव औघड़ दानी रे ।

गाते हैं सब इनकी वाणी यह 

जग के प्राणी पंडित और ज्ञानी

राजा रानी जोगी ध्यानी ॥

जपता सदा शर्मा है जिसकी माला

कहलाता है शिव डमरू वाला 

रे भोला दानी भोला दानी ||


Post a Comment

0Comments

If you liked this post please do not forget to leave a comment. Thanks

Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !