ज्ञान वाणी (Gyan Vaani Lyrics in Hindi) - Nirgun Bhajan KUMAR VISHU ज्ञान की वाणी अपने जीवन में आत्मसात करें - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

ज्ञान वाणी (Gyan Vaani Lyrics in Hindi) -


सुनें ज्ञान की वाणी और करें अपने जीवन में 
आत्मसात मत कर तू अभिमान रे बन्दे मत कर 
तू अभिमान मिल जाएगी ख़ाक में इक दिन 
तेरी शान रे बन्दे मत कर तू अभिमान यहीं 
धरे रह जायेंगे कोठी महल मकान तेरा 
असल ठिकाना आखिर तो शमशान जीवन के 
इस सत्य से कौन अछूता है की एक दिन सबको 
यहाँ से जाना है जीवन का अंतिम सत्य मृत्यु है 
परन्तु मानव ये जानते हुए भी अनजान बना रहता है 
और मोहमाया के वशीभूत होकर अभिमान करता है 
इन वस्तुओं पर जो वो कभी अपने साथ नहीं ले जा सकता 


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