ज्ञान वाणी (Gyan Vaani Lyrics in Hindi) -
सुनें ज्ञान की वाणी और करें अपने जीवन मेंआत्मसात मत कर तू अभिमान रे बन्दे मत करतू अभिमान मिल जाएगी ख़ाक में इक दिनतेरी शान रे बन्दे मत कर तू अभिमान यहींधरे रह जायेंगे कोठी महल मकान तेराअसल ठिकाना आखिर तो शमशान जीवन केइस सत्य से कौन अछूता है की एक दिन सबकोयहाँ से जाना है जीवन का अंतिम सत्य मृत्यु हैपरन्तु मानव ये जानते हुए भी अनजान बना रहता हैऔर मोहमाया के वशीभूत होकर अभिमान करता हैइन वस्तुओं पर जो वो कभी अपने साथ नहीं ले जा सकता
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