असुर निकंदन भय भंजन कुछ आन करो लिरिक्स (Asur Nikandan Bhay Bhanjan Kuch Aan Karo Lyrics in Hindi) -
असुर निकंदन भय
भंजन कुछ आन करो
पवन तनय संकट
मोचन कल्याण करो
भीड़ पड़ी अब
भारी हे बजरंगबली
भक्तो के दुःख दूर
मेरे हनुमान करो ॥
गयारवे हो रूध्र तुम
हो ले के अवतारी
ज्ञानियो में आप
ग्यानी योधा बलशाली
बाल अवस्था में चंचल
आप का था मन
सूर्य को तुम खा गए
नटखट बड़ा बचपन
मैं हूँ निर्बल बल
बुद्धि का दान करो
पवन तनय संकट
मोचन कल्याण करो ॥
श्री राम का तुम सा
ना सेवक और है दूजा
आज घर घर में
तुम्हारी हो रही पूजा
दीन दुखिओं की
कतारें द्वार पे लम्बी
आप की महिमा को
सुन कर आया मैं भी
अपने भक्तों का
बजरंगी मान करो
पवन तनय संकट
मोचन कल्याण करो ॥
हे बजरंगी अब दया
की कीजिये दृष्टि
गा रही महिमा
तुम्हारी यह सारी सृष्टि
आपकी कृपा हो जिसपे
राम मिले उसको
बेदड़क आया 'लक्खा'
अब और कहूँ किसको
दया की दृष्टि तुम
मुझपर बलवान करो
पवन तनय संकट
मोचन कल्याण करो ॥
असुर निकंदन भय
भंजन कुछ आन करो
पवन तनय संकट
मोचन कल्याण करो
भीड़ पड़ी अब
भारी हे बजरंगबली
भक्तो के दुःख दूर
मेरे हनुमान करो ॥
[ हनुमान ] - भगवान श्रीराम के परमभक्त(संस्कृत: हनुमान् आंजनेय और मारुति के नाम से भी जानते है।) सबसे लोकप्रिय अवधारणाओं और भारतीय महाकाव्य रामायण में सबसे महत्वपूर्ण पात्रों में एक हैं। वह भगवान शिवजी के सभी अवतारों में सबसे बलवान और बुद्धिमान माने जाते हैं।[2] रामायण के अनुसार वे श्रीराम के अत्यधिक प्रिय हैं। इस धरा पर जिन सात मनीषियों को अमरत्व का वरदान प्राप्त है उनमें बजरंगबली भी हैं। हनुमान जी का अवतार भगवान राम की सहायता के लिये हुआ। हनुमान जी के पराक्रम की असंख्य गाथाएँ प्रचलित हैं। इन्होंने जिस तरह से राम के साथ सुग्रीव की मैत्री कराई और फिर वानरों की मदद से असुरों का मर्दन किया वह अत्यन्त प्रसिद्ध है।
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