श्री भागवत भगवान की है ये आरती पापियों को पाप से है तारती (Shri Bhagwat Bhagwan Ki Aarti Lyrics in Hindi) - Shree Hari Bhajan - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind


श्री भागवत भगवान की है ये आरती पापियों को पाप से है तारती (Shri Bhagwat Bhagwan Ki Aarti Lyrics in Hindi) - 


श्री भागवत भगवान की है आरती

पापियों को पाप से है तारती

ये अमर ग्रन्थ ये मुक्ति पन्थ

ये पंचम वेद निराला

नव ज्योति जगाने वाला

हरि नाम यही हरि धाम यही

जग में मंगल की आरती

पापियों को पाप से है तारती

ये शान्तिगीत पावन पुनीत 

पापों को मिटानेवाला

हरि दर्श करनाने वाला

जे सुख करनी जे दुःख हरनी

श्री मधुसूदन की आरती

पापियों को पाप से है तारती

ये मधुर बोल मधुपन्थ खोल

सत्ये मार्ग  दिखाने वाला

बिगड़ी को बनाने वाला

श्री राम यही घनश्याम यही

प्रभु की महिमा की आरती

पापियों को पाप से है ||






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