मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती (Mere Desh Ki Dharti lyrics in Hindi) - Mahendra Kapoor Upkar Desh Bhakti Song - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती (Mere Desh Ki Dharti lyrics in Hindi) - 


मेरे देश की धरती सोना 

उगले उगले हीरे मोती

मेरे देश की धरती..||


बैलों के गले में जब घुंघरू 

जीवन का राग सुनाते हैं

ग़म कोस दूर हो जाता है 

खुशियों के कंवल मुस्काते हैं.||


सुनके रहट की आवाज़ें 

यूं लगे कहीं शहनाई बजे

आते ही मस्त बहारों के 

दुल्हन की तरह हर खेत सजे

मेरे देश की धरती सोना 

उगले उगले हीरे मोती

मेरे देश की धरती…||


जब चलते हैं इस धरती पे 

हल ममता अंगड़ाइयाँ लेती है

क्यूं ना पूजे इस माटी को 

जो जीवन का सुख देती है.|| 


इस धरती पे जिसने जनम 

लिया उसने ही पाया प्यार तेरा

यहां अपना पराया कोई 

नहीं है सब पे है मां उपकार तेरा

मेरे देश की धरती सोना 

उगले उगले हीरे मोती

मेरे देश की धरती…||


ये बाग़ है गौतम नानक का 

खिलते हैं चमन के फूल यहां

गांधी सुभाष टैगोर तिलक 

ऐसे हैं अमन के फूल यहां.||


रंग हरा हरी सिंह नलवे से 

रंग लाल है लाल बहादुर से

रंग बना बसंती भगत सिंह 

रंग अमन का वीर जवाहर से

मेरे देश की धरती सोना 

उगले उगले हीरे मोती

मेरे देश की धरती.||


 

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