सेइत सहित सनेह देह भरि कामधेनु कलि कासी।
समनिसोक-संताप-पाप-रुज सकल-सुमंगल-रासी।।1।।
जय जय भोलेनाथ जय काशी विश्वनाथ
जय काशी विश्वनाथ जय जय भोलेनाथ
मरजादा चहुँ ओर चरनबर सेवत सुरपुर-बासी।
तीरथ सब सुभ अंगरोम सिवलिंग अमितअबिनासी।।2।।
अंतरऎनभल थनफल बच्छबेद-बिस्वासी।
गलकंबल बरुना बिभा तिजनु लूमलसति सरिताSसी।।3।।
सेइत सहित सनेह देह भरि कामधेनु कलि कासी।
समनिसोक-संताप-पाप-रुज सकल-सुमंगल-रासी।।1।।
जय जय भोलेनाथ जय काशी विश्वनाथ
जय काशी विश्वनाथ जय जय भोलेनाथ
दंड पानि भैरव बिषान मलरुचि-खलगन-भयदा-सी।
लोल दिने सत्रि लोचन लोचन करन घंट घंटा-सी।।4।।.
मनिकर्निका बदन-ससि सुंदर सुरसरि-सुखसुखमा-सी।
स्वारथ परमारथ परि पूरन पंचकोसिमहिमा-सी।।5।।
सेइत सहित सनेह देह भरि कामधेनु कलि कासी।
समनिसोक-संताप-पाप-रुज सकल-सुमंगल-रासी।।1।।
जय जय भोलेनाथ जय काशी विश्वनाथ
जय काशी विश्वनाथ जय जय भोलेनाथ
बिस्वनाथ पालक कृपालुचित लालति नित गिरिजा-सी।
सिद्धि सची सारदपूजहिंमनजोगवतिरहतिरमा-सी।।6।।
पंचाच्छरीप्रान मुदमाधव गब्यसुपंचनदा-सी।
ब्रह्म-जीव-समरामनामजुग आखरबिस्वबिकासी।।7।।
सेइत सहित सनेह देह भरि कामधेनु कलि कासी।
समनिसोक-संताप-पाप-रुज सकल-सुमंगल-रासी।।1।।
जय जय भोलेनाथ जय काशी विश्वनाथ
जय काशी विश्वनाथ जय जय भोलेनाथ
चारितुचरतिकरमकुकरमकरि मरतजीवगनघासी।
लहतपरमपदपयपावन जेहिचहतप्रपंच-उदासी।।8।।
कहत पुरान रचीके सव निजक-कर तूति कला-सी।
तुलसी बसि हर पुरी राम जपु जो भयो चहै सुपासी।।9।।
सेइत सहित सनेह देह भरि कामधेनु कलि कासी।
समनिसोक-संताप-पाप-रुज सकल-सुमंगल-रासी।।1।।
जय जय भोलेनाथ जय काशी विश्वनाथ
जय काशी विश्वनाथ जय जय भोलेनाथ
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