मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने भजन लिरिक्स (Meri Lagi Shyam Sang Preet Lyrics in Hindi) - Krishna Bhajan DEVI CHITRALEKHA - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

 मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने भजन लिरिक्स (Meri Lagi Shyam Sang Preet Lyrics in Hindi) -  Krishna Bhajan DEVI CHITRALEKHA -

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने भजन लिरिक्स (Meri Lagi Shyam Sang Preet Lyrics in Hindi) -  


मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने २

मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने २

क्या जाने कोई क्या जाने २

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने २

मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने २


छवि लगी मन श्याम की जब से २

भई बावरी मैं तो तब से २

बाँधी प्रेम की डोर मोहन से २

नाता तोड़ा मैंने जग से २

ये कैसी पागल प्रीत ये दुनिया क्या जाने २

ये कैसी निगोड़ी प्रीत ये दुनिया क्या जाने २


क्या जाने कोई क्या जाने २

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने २

मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने २


मोहन की सुन्दर सूरतिया २

मन में बस गयी मोहनी मूरतिया २

जब से ओढ़ी शाम चुनरिया २

लोग कहे मैं भई बावरिया २

मैंने छोड़ी जग की रीत ये दुनिया क्या जाने २


क्या जाने कोई क्या जाने २

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने २

मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने २


हर दम अब तो रहूँ मस्तानी २

लोक लाज दीनी बिसरानी २

रूप राशि अंग अंग समानी २

हे रत हे रत रहूँ दीवानी २

मई तो गाऊँ ख़ुशी के गीत ये दुनिया क्या जाने २


क्या जाने कोई क्या जाने २

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने २

मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने २


मोहन ने ऐसी बंसी बजायी २

सब ने अपनी सुध बिसरायी २

गोप गोपिया भागी आई २

लोक लाज कुछ काम न आई २

फिर बाज उठा संगीत ये दुनिया क्या जाने २


क्या जाने कोई क्या जाने २

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने २

मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने २


भूल गयी कही आना जाना २

जग सारा लागे बेगाना २

अब तो केवल शाम सुहाना २

रूठ जाये तो उन्हें मनाना २

अब होगी प्यार की जीत ये दुनिया क्या जाने २


क्या जाने कोई क्या जाने २

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने २

मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने २


हम प्रेम नगर की बंजारन २

जप तप और साधन क्या जाने २

हम शाम के नाम की दीवानी २

नित नेम के बंधन क्या जाने २

हम बृज की भोली गंवारनिया २

ब्रह्म ज्ञान की उलझन क्या जाने २

ये प्रेम की बाते है उद्धव २

कोई क्या समझे कोई क्या जाने २

मेरे और मोहन की बातें २

या मै जानू या वो जाने २


क्या जाने कोई क्या जाने २

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने २

मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने २


शाम तन शाम मन शाम हैं हमारो धन २

आठो याम पूछो हमें शाम ही सो काम हैं २

शाम हिये शाम पिए शाम बिन नाही जिए २

आंधें की सी लाकडी आधार शाम नाम है २

शाम गति शाम मति शाम ही हैं प्राणपति २

शाम सुख दायी सो भलाई आठो याम हैं २

उद्धव तुम भये बवरे पाथी ले के आये दोड़े २

हम योग कहा राखे यहाँ रोम रोम शाम है २


क्या जाने कोई क्या जाने २

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने २



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