आगाज (Aagaaz Lyrics in Hindi) - Motivational Song Hindi Song -
आगाज (Aagaaz Lyrics in Hindi) -
( तर्ज ) -
जो उड़ना है तुझे ऊँचा परो को खोल के रख
कसौटी वक़्त की है हौसलों को तौल के रख
अभी आगाज है तेरा बहुत कुछ सीखना है
कमर कसनी अभी बाकी है मुठ्ठी भींचना है
अभी आगाज है तेरा बहुत कुछ सीखना है
कमर कसनी अभी बाकी है मुठ्ठी भींचना है
भले हालात हो कैसे हो कैसे भी
बस ये सोच ले तू यही है जिद्द यही है रार
बस अब जितना है लिखूंगा खुद नहीं तकदीर
अपने हाथ से मै रगो में खून के संग
इस जुनू को घोल के रख कसौटी वक़्त की है
हौसले को तौल के रख जो उड़ना है तुझे ऊँचा
परो को खोल के रख कसौटी वक़्त की है हौसलों
को तौल के रख जो उड़ना है तुझे ऊँचा
परो को खोल के रख लहरों से डरकर
नौका पार नहीं होती कोशिश करने वाले की
कभी हार नहीं होती अभी तो जंग है जारी
अभी हारा नहीं है तू जो सह ले तंज सारे
ऐसा बेचारा नहीं है तू अभी तो जंग है जारी
अभी हारा नहीं है तू जो सह ले तंज सारे
ऐसा बेचारा नहीं है तू भरोसा रख खुदा पे
और अपने हौसलो पे तुझे तो चाँद बनना है
कोई तारा नहीं तू करेंगे वो जो करना है
जो चाहेंगे वो होगा ये अब तू ठान ले
तक़दीर से भी बोल के रख कसौटी वक़्त की है
हौसलों को तौल के रख जो उड़ना है तुझे ऊँचा
परो को खोल के रख कसौटी वक़्त की है
हौसलों को तौल के रख जो उड़ना है तुझे ऊँचा
परो को खोल के रख कसौटी वक़्त की है
हौसलों को तौल के रख जो उड़ना है तुझे ऊँचा
परो को खोल के रख ||
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