विदाई कैसे करी जुदाई कैसे सही (Bidai Kaise Kari) - Bhaktilok
गाना "विदाई कैसे करी जुदाई कैसे सही" एक भावुक गीत है, जिसे अक्सर विदाई के समय गाया जाता है। यह गीत आमतौर पर शादियों में विदाई के समय की भावनाओं को व्यक्त करता है।
नीचे इसके संभावित बोल दिए गए हैं:
विदाई कैसे करी, जुदाई कैसे सहीमाँ-बाबा का घर छोड़कर, ससुराल चली।विदाई कैसे करी, जुदाई कैसे सही।
आँगन में खेली थी, गुड़िया रानी बनकरआज वो छूटेगा, दिल में दर्द सहकर।कैसे कहूँ मैं, ये दूरी कैसे सही।विदाई कैसे करी, जुदाई कैसे सही।
माँ की ममता, बाबा का सहाराभाई-बहन का प्यारा दुलारा।सबसे बिछड़कर, नई दुनिया में गई।विदाई कैसे करी, जुदाई कैसे सही।
यह गाना आपके भावनात्मक क्षणों को और भी गहराई से व्यक्त करता है। क्या आप इसके बारे में और जानकारी या कोई खास संस्करण ढूंढना चाहते हैं?
विदाई कैसे करी जुदाई कैसे सही (Bidai Kaise Kari) - Bhaktilok
गाना "विदाई कैसे करी जुदाई कैसे सही" एक भावुक गीत है, जिसे अक्सर विदाई के समय गाया जाता है। यह गीत आमतौर पर शादियों में विदाई के समय की भावनाओं को व्यक्त करता है।
नीचे इसके संभावित बोल दिए गए हैं:
विदाई कैसे करी, जुदाई कैसे सही
माँ-बाबा का घर छोड़कर, ससुराल चली।
विदाई कैसे करी, जुदाई कैसे सही।
आँगन में खेली थी, गुड़िया रानी बनकर
आज वो छूटेगा, दिल में दर्द सहकर।
कैसे कहूँ मैं, ये दूरी कैसे सही।
विदाई कैसे करी, जुदाई कैसे सही।
माँ की ममता, बाबा का सहारा
भाई-बहन का प्यारा दुलारा।
सबसे बिछड़कर, नई दुनिया में गई।
विदाई कैसे करी, जुदाई कैसे सही।
यह गाना आपके भावनात्मक क्षणों को और भी गहराई से व्यक्त करता है। क्या आप इसके बारे में और जानकारी या कोई खास संस्करण ढूंढना चाहते हैं?
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