सुखकर्ता दुखहर्ता Sukhkarta Dukhharta Full Aarti Lyrics | Ganpati Aarti Sukh Karta Dukh Harta - Bhakti Lok

Deepak Kumar Bind


सुखकर्ता दुखहर्ता Sukhkarta Dukhharta Full Aarti - 


श्री गणपतिची आरती


सुखकार्ता दुखर्ता वार्ता विघ्नचि

नूरवी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची

सर्वांगी सुंदर उती शेंदुराची

कांठी झलके माल मुक्ताफलांची

जय देव जय देवी

जय देव जय देवी

जय मंगलमूर्ति

दर्शन मातृ मन कामना पूर्ति

जय देव जय देवी


रत्नाखचित फिर तुझ गौरीकुमरा

चंदनाची उति कुमकुम केशर

हिरेजादित मुकुट शोभतो बर

रुंझुनती नुपुरे चरणी घागरिया

जय देव जय देवी


जय देव जय देवी

जय मंगलमूर्ति

दर्शन मातृ मन कामना पूर्ति

जय देव जय देवी


लम्बोदर पीतांबर फणीवार बंधन

सरल सोंड वक्रतुंडा त्रिनायन

दास रमाचा वात पाए साधना

संकटी पाववे निर्वाणी रक्षावे सुरवरवंदन

जय देव जय देवी


जय देव जय देवी

जय मंगलमूर्ति दर्शन मत्रे मन कामना पूर्ति

जय देव जय देवी




श्री गणेशाची आरती


शेंदूर लाल चड्ढायो अच्छा गजमुखको

डोंदिल लाल बिराजे सुत गौरीहारको

हाथ लिए गुडलड्डू साईं सुरवरको

महिमा कहे ना जाए लागत हुन पडको

जय देव जय देवी

जय जय जी गणराज विद्या सुखदाता

धन्य तुम्हारे दर्शन मेरा मन रमाता

जय देव जय देवी


अष्टो सिद्धि दासी संकटको बैरी

विघ्नविनाश मंगल मूरत अधिकारी

कोटि सूरज प्रकाश एबी छबी टेरी

गंडास्थलमदमस्तक झूले शशिबहारी

जय देव जय देवी

जय जय जी गणराज विद्या सुखदाता

धन्य तुम्हारे दर्शन मेरा मन रमाता

जय देव जय देवी


भवभगत से कोई शरणगत आवे

संतत संपत सबाही भरपुर पावे

ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे

गोसाविनंदन निशिदीन गन गावे

जय देव जय देवी

जय जय जी गणराज विद्या सुखदाता

धन्य तुम्हारे दर्शन मेरा मन रमाता

जय देव जय देवी


श्री शंकराची आरती - 


लवथवती विकारला ब्रह्माण्डी माला

विशेष कंठ काला त्रिनेत्री ज्वाला

लावण्यसुंदर मस्तकी भाला

तेथुनिया जल निर्मल वही झूलाझुला

जय देव जय देवी


जय देव जय देवी

जय श्री शंकर:

हो स्वामी शंकर:

आरती ओवालु तुज करपुरगौर

जय देव जय देवी


करपुरगौरा भोला नयनी विशाल

अर्धांगी पार्वती सुमनंच्य मल

विभूतिचे उधलाना शितिकांत नीला

ऐसा शंकर शोभे उमावेलहला


जय देव जय देवी

जय देव जय देव जय श्री शंकर

हो स्वामी शंकर:

आरती ओवालु तुझ करपुरगौर

जय देव जय देवी


देवी दैत्य सागरमंथन पाई केले

त्यामाजी अवचिता हलाहल उथले

ते तवा असुरपने प्रशन केले

नीलकंठ नाम प्रसिद्ध झले

जय देव जय देवी

जय देव जय देव जय श्री शंकर

हो स्वामी शंकर:

आरती ओवालु तुझ करपुरगौर

जय देव जय देवी


व्याघरंबर फणीवरधर सुंदर मदनारी

पंचानन मनमोहन मुनिजन सुखकरी

शतकोटिचे बीज वाचे उच्चचारी

रघुकुलतिलक रामदास अंतरी

जय देव जय देवी

जय देव जय देव जय श्री शंकर

हो स्वामी शंकर:

आरती ओवालु तुझ करपुरगौर

जय देव जय देवी


श्री दुर्गा देवीची आरती - 


दुर्ग दूरघाट भरी तुज्विन संसारी

अनाथनाथ अम्बे करुणा विस्तारी

वारी वारी जन्म मरणते वारी

हरी पडालो आटा संकट निवारी

जय देवी जय देवी महिषासुरमथनी

सुरवर ईश्वरवर्डे तारक संजीवनी

जय देवी जय देवी


त्रिभुवानी भुवानी पहाटा तुझ ऐसे नहीं

चारी श्रमले परंतु ना बोल्वे कहि

सही विवाद करिता पदिले प्रवाही

ते तू भक्तलगी पवासी लवलाही

जय देवी जय देवी

जय देवी जय देवी महिषासुरमथनी

सुरवर ईश्वरवर्डे तारक संजीवनी

जय देवी जय देवी


प्रसन्ना वदान प्रसन्ना होसी निजदास

क्लेशापसुनि सोदी तोडी भवपाशा

अम्बे तुजवाचुन कोन पूर्वी आशा

नरहरि टालिन झाला पदपंकजलेशा

जय देवी जय देवी

जय देवी जय देवी महिषासुरमथनी

सुरवर ईश्वरवर्डे तारक संजीवनी

जय देवी जय देवी

Post a Comment

0Comments

If you liked this post please do not forget to leave a comment. Thanks

Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !