गीता श्लोक : यदा यदा हि धर्मस्य (Yada yada hi dharmasya Lyrics in Hindi Geeta Shlok )
गीता श्लोक : यदा यदा हि धर्मस्य (Yada yada hi dharmasya Geeta Shlok Lyrics in Hindi ) -
" यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिः भवति भारत,
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदा आत्मानं सृजामि अहम् |
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुस्-कृताम्,
धर्म-संस्थापन-अर्थाय सम्भवामि युगे युगे || "
गीता श्लोक : यदा यदा हि धर्मस्य का अर्थ हिंदी में -
जो हुआ वो अच्छा हुआ
जो हो रहा है वो अच्छा हो रहा है
और जो होगा वो भी अच्छा होगा
तुम क्या लाए द जो ले जाओगे
तुमने क्या पाया किया जो खराब हो गया
जो आज तुम्हारा है वो कल किसी और का था
और कल किसी और का होगा
जैसा बोगे वैसा पाओगे
अपने कर्मों का फल यहां भुगत कर जाओगे
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